जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर, गांव कमना प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र। कहे के त इ स्वास्थ्य केन्द्र हव। पर इहां एको दवाई ना मिलत। आउर दवाई कभी सड़क पर फेकल रही तो कूड़ा तो कभी कुंआ में फेके खातिर दवाई रही देवे खातिर नाहीं। गांव में पुछले पर रीता, दुर्गावती, सन्तोष, पुष्पा इ लोग बतइलिन कि जब इहां बच्चा होई त सबसे पइसा लेवलन अगर कोई के बुखार भी रही त दवाई ना दिहन लेवलिन अगर कोई के बुखार भी रही त दवाई ना दीहन सुई तक के पइसा लेवलन एसे अच्छा तो प्राइवेट हव। जब पइसा देवे के हव त हम कहीं भी इलाज करा लेब। एही से अब कोई जल्दी इहां से दवाई नाहीं ले जात। अगर कभी चेकअप भी करिहन तो सब दवाई बहरे से लिख दीहन। अबही सुशीला ए.एन.एम. 26 फरवरी 2013 नियुक्त भइलिन हे ओनसे पुछले पर बतइलिन कि हमके एकरे बारे में ज्यादा कुछ तो ना मालूम हव। लेकिन इहां दवाई ना मौजूद हव। बस टीकाकरण आउर बच्चन क विटामिन के घोल रखल हव वही ऐसे समय में मौजूद हव।
गांव के प्रधान धर्मेन्द्र के कहब हव कि इ अस्पताल के अजगरा में नियुिक्त भयल रहल लेकिन जगह न मिले से कमना बबियॅाव में बनल हव। आउर अइसन कउनों बात नहीं हव गांव के लोग का जनीहन एकरे बारे में।