दिल्ली महिला आयोग प्रमुख स्वाति मालीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन आश्रमों और धार्मिक केंद्रों की नियमित जांच की सिफारिश की है जिनमें महिलाएं रहती हैं।
स्वाति ने कहा कि जिन आश्रमों में अनुयायी रहते हैं, उनका जिला प्राधिकारियों के पास पंजीकरण कराना चाहिए और ऐसा नहीं करने पर कड़ी सजा दिए जाने का प्रावधान होना चाहिए।
डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में सिफारिश की कि देशभर में जिन धार्मिक संस्थाओं में महिलाओं रहती हैं, उन पर नजर रखने के लिए कानून बनाए जाने चाहिए और उन्हें लागू किया जाना चाहिए ताकि वहां कोई अवैध गतिविधि नहीं हो सके।
उन्होंने कहा कि हर संस्था, भले ही वह आश्रय गृह हो, वृद्धाश्रम हो या बाल आश्रम हो, उसकी निगरानी अदालतें, आयोग, कल्याण संस्थाएं एवं सरकार करती है।
जानिए स्वाति मालीवाल को
स्वाति ने कहा, धार्मिक केंद्रों में रहने वाले सभी नाबालिगों की संबंधित बाल कल्याण समिति को निगरानी करनी चाहिए और सभी नाबालिगों का पहले सीडब्ल्यूसी को साक्षात्कार लेना चाहिए और उनकी काउंसलिंग करनी चाहिए ताकि उनकी मर्जी का पता लगाया जा सके।
स्वाति ने इस बात पर भी जोर दिया कि आश्रमों और आवासीय केंद्रों में बड़े बड़े होल्डिंग एवं बोर्डों पर सरकारी हेल्पलाइन एवं इमरजेंसी फोन नंबर, खासकर 181 जैसे बाल एवं महिला हेल्पलाइन नंबर लिखे होने चाहिए।
इन संस्थानों की कार्यप्रणाली में कड़ी पारदर्शतिा सुनिश्चित करने के लिए उनके खातों एवं सम्पतियों का सरकारी ऑडिट करके उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, कुछ लोगों की आपराधिक गतिविधियों के कारण हमारे देश की संपूर्ण आध्यात्मिक विरासत की बदनामी हो रही है। इस प्रकार के धार्मिक संस्थानों में अवैध गतिविधियों को रोकने का काम तत्काल किया जाना चाहिए ताकि किसी और महिला को पीड़ा न झोलनी पड़े।