खबर लहरिया औरतें काम पर सोलह बरस से पेंशन का भटकत हाबैं

सोलह बरस से पेंशन का भटकत हाबैं

शिवकुमारी

शिवकुमारी

चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, कस्बा शिवरामपुर कपडि़या बस्ती। हिंया के शिवकुमारी के मनसवा का मरे सोलह बरस होइगा, पै आज तक वहिका विधवा पेंशन नहीं मिलत आय। अब तौ वहिका वृद्धा पेंशन पावै के उमर होइगे हवै। कइयौ दरकी प्रधान से कहिस, पै कुछ नहीं भा आय।
शिवकुमारी बताइस-“मोरे पांच बिटिया अउर तीन लड़का हवैं। मनसवा का कैंसर के बीमारी रहै तौ सोलह बरस पहिले खतम होइगा हवै। गरीबी के कारन इलाज भी नहीं कइ पावा। तबै से आज तक मोहिका विधवा पेंशन नहीं मिलत आय। यहिके खातिर मैं हजारन रूपिया खर्चा कइ चुकी हौं। गरीब मेहरिया झाडू बना के आपन परिवार चलावत हौं। प्रधान मोरे बिरादरी का हवै तबहूं कउनौ सुनवाई नहीं होत आय।”
प्रधान शिवबरन कपडि़या का कहब हवै कि वहिके पेंशन का फार्म भरवा दीन गा। मैं अपने से खुदै सोचत हौं कि गरीबन का हर सरकारी सुविधा मिलब जरूरी हवै ।
जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, गांव कोटा कंदैला। हिंया के रानी का विधवा पेंशन नहीं मिलत हवै। या समस्या से वा पन्द्रह बरस से जूझत हवै। विधवा पेंशन खातिर प्रधान सुरेश सिंह से कहा गा, पै कउनौ सुनवाई नहीं भे आय।
गांव के रानी का कहब हवै कि मनसवा धीरज का मरे पन्द्रह बरस होइगा हवै। आजौ तक विधवा पेंशन नहीं मिलत हवै। मोरे कमाये वाला कउनौ नहीं आय। अगर विधवा पेंशन मिलै लागै तौ थोइ नून रोटी का होइ सकत हवै। पता नहीं कि सरकार कउनतान के गरीब अउर पात्र मड़इन का विधवा पेंशन देत हवै। सरकार योजना तौ खूबै बनवात हवै, पै पात्र मड़ई विभाग के चक्कर लगा के थक जात हवै। उनकर सुनवाई कत्तौ नहीं होत आय। प्रधान सुरेश सिंह का कहब हवै कि छह महीना पहिले रानी का विधवा पेंशन का फार्म भरवा दीन गा हवै। सरकार पास करी तौ विधवा पेंशन मिलै लागी। वा परेशान काहे होत हवै।