सोनी सोरी तकलीफ में हैं मगर घबराई नहीं हैं। उनका चेहरा झुलस गया है। आंखें सूज गई हैं, मगर फिर भी प्रतिज्ञाबद्ध हैं। माओवादियों से पीड़ित छत्तीसगढ़ के दन्तेवाड़ा क्षेत्र की इस आदिवासी नेता को सरिता विहार दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शनिवार देर रात गीदाम में दो अज्ञात आदमियों ने उनपर हमला किया और चेहरे पर ग्रीस जैसा पदार्थ मल दिया।
इस हमले के बारे में सोनी सूरी ने कहा कि वे सिर्फ अपने ज़ख्मों के भरने का इंतज़ार कर रही हैं इसके बाद वे फिर काम पर लग जाएंगी, ‘‘इस हमले ने मुझे चुनौती दी है, अब मुझे कोई नहीं रोक सकता’’।
सोरी को रविवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था। तबसे उनकी स्थिति में बहुत ज़्यादा सुधार नहीं आया है। हालांकि तकलीफ कुछ कम हो गई है। उनका इलाज कर रहे डाॅक्टरों का कहना है कि हो सकता है, अगले कुछ दिनों में उनकी सर्जरी करनी पड़े। वे उस केमिकल को नहीं पहचान पाए हैं जिसका प्रयोग उनपर हमला करने के लिए किया गया। सोरी को ये सुन कर राहत मिली कि उनकी आंखों की रोशनी नहीं जाएगी।
सोरी जो आम आदमी पार्टी की नेता भी हैं, लम्बे समय से छत्तीसगढ़ में आदिवासियों पर पुलिस के द्वारा अत्याचार के खिलाफ लड़ रही हैं। पिछले अक्टूबर से वे सुरक्षा दलों द्वारा किए गए कई यौन उत्पीड़न के मामलों, औरतों के बलात्कारों और दंतेवाला क्षेत्र में फर्जी मुठभेड़ों को सामने लाई हैं। पहले स्कूल टीचर रही सोरी कई बार गिरफ्तार की जा चुकी हैं और जेल में यंत्रणा भी झेल चुकी हैं।
इस सब के बीच सोरी अपनी बेटी के लिए चिंतित हैं। उनके हमलावर उन्हें जगदपुर के मर्दुम में हुए फर्जी मुठभेड़ के एक मामले पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने से मना कर रहे हैं। उन्होंने धमकी दी है कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनकी 15 साल की बेटी पर हमला हो सकता है। उनकी बेटी हॉस्टल में रहती है, ‘‘मैं अपने मकसद के लिए लड़ती रहूंगी। मगर अपनी बेटी की चिंता है, कहीं वे उसे नुक्सान न पहुचाएं’’।
सोनी से मिलने पहुंची दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाती मलीवाल ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से अपील की कि सोरी के हमलावरों को कड़ी सज़ा दें और सोरी को सुरक्षा प्रदान करें।