जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, गांव किहुनिया। हिंया का रहैं वाला भाईलाल कहिस कि 24 नवम्बर 2014 का मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मा एम्बुलेंस नम्बर 102 का फोन कीन गा, पै एम्बुलेंस नहीं आई। यहै से निजी जीप कइके जात रहेन तौ मारकुण्डी के लगे संतोषिया के मरा लड़का पैदा भा। यहै से दुख का माहौल बना हवै।
भाईलाल का कहब हवै कि सरकार जननी सुरक्षा योजना के तहत बच्चा पैदा करावैं वाली औरतन का हर सुविधा दीने हवै। हिंया तक कि एम्बुलेंस घर से बोलावैं खातिर अउर छोड़ै खातिर सुविधा हवै, पै इं सुविधा का लाभ बहुतै कम मड़इन का मिल पावत हवै। मोर छोट भाई के औरत के बच्चा होय का रहै। मैं सुबेरे सात बजे एम्बुलेंस मगंावैं खातिर 102 नम्बर मा फोन कीनेंव,पै एम्बुलेंस नही आई। यहै से जीप कइके मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जात रहेन तौ नौ बजे संतोषिया के रास्ता मा मरा बच्चा पैदा भा। अगर एम्बुलेंस समय से पहुंच जात तौ लड़का बच सकत रहै।
मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक प्रतीक कुमार कहिन कि 102 अउर 108 नम्बर के एम्बुलेंस कुल तीन हवैं। जबैकि दस एम्बुलेंस के जरूरत हवै। यहै से समय से गांव मा एम्बुलेंस नहीं पहुंच पावत हवै। एम्बुलेंस के मांग सरकार से जुलाई के महीना से करत हौं।
सेहतमंद मां और बच्चा- रास्ता मा पैदा भा बच्चा के मउत
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