जिला महोबा, ब्लाक चरखारी, गांव कमलखेड़ा को मजरा शिवहार। एते की परमी के 11 मई 2014 खा सात महीना की जुड़वा बिटिया भई हती। जीमे एक बिटिया तुरतई मर गई हती। दूसरी बिटिया खा लेके जिला अस्पताल आई हती, पे एते भी ऊखे कोनऊ सुविधा नई मिली आय।
परमी की सास लक्ष्मी ने बताओ कि मोई बहू परमी पेहली दइयां पेट से हती। जीखे 11 मई 2014 खा सात महीना खे दो बिटिया भई हें। जीमें एक बिटिया तुरतई मर गई हती। दूसर बिटिया भी समय से पेहले होय खे कारन बोहतई कमजोर हती। एई से हम तुरतई महोबा के जिला अस्पताल लेेके आये हते कि बिटिया खा कछू दिन खे लाने बच्चा धरे वाली मशीन में धर दओ जेहे तो बिटिया कछू सेहत मंद हो जेहे, पे एते डाक्टर मशीन में नई घरो आय।
परमी बताउत हे कि जभे मोये चार महीना की बिटिया पेट में हती। तभई एक टीका लगो हतो। परमी के आरोप हे कि ए.एन.एम. ने न दूसरो टीका लगाओ आय न आयरन की गोली दई हे। एई से मोये सात महीना में डिलेवरी हो गई हे। ए.एन.एम. बेटीबाई बताउत हे कि परमी खा एक टीका मेंने लगाओ हतो। एक टीका बाहर से लगवाओ हतो। काये से परमी बाहर हती। जोन समय ऊखे टीका लगो हतो। ऊ समय आयरन की गोली खतम हो गई हती।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर दया शंकर ने बताओ कि बच्चा धरे वाली मशीन हमाये एते नइयां। ऊ मशाीन जिला स्तर में नई मण्डल स्तर के अस्पताल में होत हे।
सेहतमंद मां और बच्चा- जच्चा-बच्चा केसे सुरक्षित
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