जिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव उफरौली। हिंया के मंझी नाम के मेहरिया कहिस कि बहू सोना 7 जून 2014 का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बच्चा पैदा करावैं गई रहै। हुंवा के डाक्टर देखै के बाद कहिन कि सोना का हिंया से लइ जाव। हिंया वहिके बच्चा न पैदा होइ। या कारन बहुतै परेशानी आई रहै।
या समस्या का लइके प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डाक्टर रमाकान्त चैरिहा से बात कीन गे। उनकर कहब हवै कि सोना के जांच अउर दवाई कीन गे हवै। वहिके मुंह से फेचकुर आवत रहै अउर बेहोश होइ जात रहै। या कारन वहिका रिफर कीन गा रहैं
गांव के मंझी का कहब हवै कि बहू सोना के पेट मा नौ महीना का पहिला बच्चा रहै। यहै से पेट मा पीरा होत रहै तौ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लइगें रहौं। हुंवा के डाक्टर इलाज करिन। यहिके बाद कहि दिहिन कि हिंया से लइ जाव अउर कर्वी सोनेपुर असपताल मा जा के भर्ती करौ। पता नहीं कि डाक्टर इनतान काहे करिन। आधा बहू श्रद्धा कहिस कि सोना के टीका लाग हवै अउर खून के कमी भी नहीं हवै। अब पता नहीं कि सोना के मंुह से फेचकुर काहे निकरत हवै। ब्लाक मानिकपुर, गांव मऊ गुरदरी। हिंया के राजादेवी मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 9 जून 2014 का बच्चा पैदा करावैं गई रहै। डाक्टर खून के कमी का कहिके रिफर कइ दिहिन। गांव के राजादेवी का कहब हवै कि गरीब मेहरिया हौं। येत्ता रूपिया नहीं हवै कि कत्तौ से खून के बाटल खरीद के चढ़वा लेंव। मोरे पहिला बच्चा हवै। अबै से खून के कमी डाक्टर बता दिहिस हवै। डाक्टर कहत हवै कि हिंया से दूसर अस्पताल चली जाव। हिंया खून के वयवस्था नहीं हवै। मानिकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक विनय कुमार का कहब हवै कि 9 जून 2014 का तीन मेहयिन के बच्चा नींक से पैदा भा हवै, पै राजादेवी के खून के कमी हवै। जांच नहीं कीनगे। वहिका देख के पता लागत रहै। हिंया खून के व्यवस्था नहीं हवै।
सेहतमंद मां और बच्चा- केन्द्र मा व्यवस्था के कमी
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