एक तरफ जहां बुंदेलखंड में सूखे के चलते हालत बदतर होती जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के 17 विधायक विदेश दौरे पर निकल पड़े हैं। सरकारी खर्चे पर ये मंत्री जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सैर करेंगे। ये पूछे जाने पर कि इस दौरे कि जरूरत क्यों पड़ी, तो विधायकों ने बताया कि बुंदेलखंड की हालत सुधारने के लिए ये विदेश यात्रा तय की गई है और बुंदेलखंड इनके कार्यसूची में पहले नंबर पर है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दंगे भड़काने और दलित उत्पीड़न जैसे गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी और दसवीं पास, बारहवीं पास विधायकों को विदेश में स्टडी टूर के लिए भेजा है। विदेश में यह दल संसदीय प्रणाली में सरकारी काम काज चलाये जाने के बारे में विशेषज्ञता हासिल करेगा।
जिन विधायकों को विदेश में स्टडी टूर के लिए भेजा गया है उनमे से गोंडा से विधायक और मंत्री ओम प्रकाश सिंह, रामपुर कारखाना से विधायक गजाला लारी ने हाईस्कूल पास किया है। बरेली से विधायक और मंत्री भागवत शरण गंगवार महज इंटर पास हैं, इन पर दलित उत्पीड़न का आरोप है। वहीं सरकारी कर्मचारियों की मारपीट के आरोपों से जूझ रहे इरफान सोलंकी की स्कूली पढ़ाई का कोई ब्यौरा नहीं है हालांकि वो खुद को अंग्रेजी, उर्दू और हिंदी का जानकार बताते हैं। अन्य कई विधायक भी ऐसे हैं जिनकी शिक्षा दीक्षा बेहद कम है।
गौरतलब है कि अधिकृत तौर पर न तो सरकार और न ही विधान सभा की ओर से इस विदेशी दौरे के बारे में कोई जानकारी दी गई है।
आश्चर्यजनक यह है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का दल विदेशी दौरे के दौरान जापान भी जा रहा है जबकि जापान राष्ट्रमंडल का सदस्य ही नहीं है।
विधायक दल कुल 17 दिन तक पढ़ाई करेगा। यूपी के माननीयों का विदेशी दौरा पहले भी कई बार सवालों के घेरे में रहा है। जनवरी 2014 में भी इसी तरह कैबिनेट मंत्री आजम खां की अगुवाई में 17 सदस्यों का एक दल विदेश यात्रा पर गया था। पढ़ाई के नाम पर इस दल ने 20 दिनों में पांच देशों की यात्रा की थी। जिस पर सरकारी खजाने के करोड़ों रुपए खर्च हुए थे।
सूखे की पढ़ाई के लिए विधायक चले विदेश
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