कालाजर एगो जान लेवा बीमारी हई। एई के रोक थम के लेल सरकार स्वास्थ्य विभाग में अलग टीम गठीत कयल जाई छई। मुफ्त में दवाई के साथ रोगी के संतुलित भोजन के लेल चैदह सौ रूपईया भी देई छथिन। लेकिन समय से मिलई छई कहां?
जइसे जिला सीतामढ़ी के रीगा प्रखण्ड, पंचायत, गांव अन्हारी मुशहरी टोला के लगभग पचासो लोग कहलथिन कि इहां 2009 से ही कालाजर बीमारी के शुरूआत भेलई। चार-पांच साल ले लागातार डाॅक्टर अलथिन अउर दवा सब देलथिन। बिमारी त दूर हो गेलई। लेकिन आई तक ले संतुलित भोजन वाला रूपईया न मिलल हई। अगर सरकार नियम लागू करई छथिन त ओकरा पलट के देखे के चाहि। जबकि हर पंचायत, गांव अउर प्रखण्ड स्तर पर स्वास्थ्य केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र, जिला के सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी बहाल छथिन। अलग-अगल काम के लेल अलग-अलग विभाग भी हई। तईयो कोई भी सुविधा के लेके कुछ लोग वंचित हो जाई छथिन। सुविधा मिले में चारों साल लाग जाई छई। जनता लोग इधर-उधर दउड़ईत रहई छथिन। अगर विभाग द्वारा सुविधा मिलई छई त सही समय से मिल जाये के चाहि। लेकिन केतना हद तक काम सफल हो पवई छई कि इ बात के जानकारी विभागीये लोग न जनई छथिन।
सुविघा ही कोन काम के?
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