जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। नियम मुताबिक सबसे वरिष्ठ जज मुख्य न्यायधीश होता हैं। मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस रंजन गोगोई 3 अक्टूबर शपथ लेंगे।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस दीपक मिश्रा दो सितंबर को अपना पत्र मंत्रालय को भेज सकते हैं। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं।
जस्टिस गोगोई 12 फरवरी 2011 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश बने। 23 अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए।
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्यन्यायाधीश के तौर पर जस्टिस गोगोई का कार्यकाल 1 साल 1 महीने और 14 दिन का होगा। वह 17 नंवबर 2019 को रिटायर होंगे।
बता दें कि जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल हैं, जिन्होंने पहली बार मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आरोप लगाए थे। सवाल उठाने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार जजों में जस्टिस गोगोई के साथ जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे।
चारों जजों ने न सिर्फ अनियमितता को लेकर लिखी चिट्ठी को सार्वजनिक किया, बल्कि चीफ जस्टिस पर नियमों की अनदेखी कर केस जजों या फिर खंडपीठ को सौंपने का आरोप लगाया, जिसमें कई अहम केस भी हैं।
इन जजों ने कहा कि अगर न्याय व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया तो लोकतंत्र महफूज नहीं रहेगा। जजों ने बताया कि उन्होंने अपनी बातें मुख्यन्यायाधीश के सामने रखीं। उन्हें पत्र भी लिखा, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया और इसके बाद उनके पास देश के सामने अपनी बात रखने के अलावा कोई और चारा नहीं था।
बता दें, जस्टिस रंजन गोगोई असम से आते हैं और वह सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठतम जजों में शामिल हैं और वरिस्ठता के आधार पर वह अक्टूबर 2018 में देश की सबसे बड़ी अदालत में वर्तमान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं।
जस्टिस गोगोई भारत के मुख्य न्यायाधीश बनते हैं तो इस शीर्ष पद पर काबिज होने वाले पूर्वोत्तर के पहले जस्टिस होंगे। गोगोई ने गुवाहाटी हाईकोर्ट से अपने करियर की शुरुआत की, फरवरी 2011 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश बने और अप्रैल 2012 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने। उनके पिता केशब चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।