इंदु मल्होत्रा पहली महिला वकील हैं जिन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनाया गया है। ये पहली बार है जब देश में पहली बार किसी महिला वकील को सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज के रूप में नियुक्त किया गया है।
अभी हाल ही में इंदु मल्होत्रा ने सुप्रीम कोर्ट भारतीय दंड संहिता की धारा 377 की संवैधानिक वैधता पर अपने विचारों के कारण चर्चा में आईं, उन्होंने कहा कि परिवार और सामाजिक दबावों के कारण, (एलजीबीटी समुदाय) को विपरीत लिंग से शादी करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसके कारण उन्हें मानसिक आघात पहुंचता है।
इंदु मल्होत्रा का जन्म 1956 में बेंगलुरु में हुआ था, इनके पिता का नाम ओम प्रकाश मल्होत्रा है और वो भी सुप्रीम कोर्ट में वकील थे। इंदु के बड़े भाई और बड़ी बहन भी वकील हैं। इंदु की शुरुआती पढ़ाई कॉर्मल कॉन्वेंट स्कूल से की है, इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रैजुएशन और फिर मास्टर डिग्री हासिल की है। साल 1983 से ये प्रैक्टिस में हैं।
1988 में 26 नवंबर को इंदु को मुकेश गोस्वामी मेमोरियल अवॉर्ड से नवाजा भी जा चुका है।
बता दें, 2007 में सीनियर एडवोकेट का दर्जा पाने वाली इंदु मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट की सातवीं महिला जज बनी हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस समय 25 में से सिर्फ एक महिला जज थीं, इंदु दूसरी जज हैं।