लेखिका, कवि और समाजसेविका माया एंजेलो की मौत 28 मई 2014 को हो गई। वह छियासी साल की थीं। माया द्वारा लिखी कविता मुझे पता है कि पिंजड़े में बंद पक्षी क्यों गाते हैं, चर्चा का केंद्र बनी। कविता के ज़रिए उन्होंने एक औरत के साथ होने वाले भेदभाव को कहा। वहीं एक उल्लेखनीय औरत नाम से लिखी गई कविता में उन्होंने औरत के अस्तित्व के बारे में लिखा।
माया एंजेलो समाज के उस तबके से आती थीं जिसे उस समय निचले दर्जे का माना जाता था। वह अश्वेत वर्ग की थीं। उनका बचपन गरीबी और भेदभाव को देखते हुए बीता। वह अमेरिका की वेक फारेस्ट यूनिवर्सिटी में अध्यापक थीं। उन्हें 30 मई को भी एक महत्वपूर्ण सम्मान मिलने की घोषणा की गई थी।
बराक ओबामा ने उनकी मौत के बाद कहा कि उनका जाना देश के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। वह एक साहसी और जिंदादिल महिला थीं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने उनकी मौत पर दुख जताते हुए कहा माया की मौत के रूप में अमेरिका ने अपना राष्ट्रीय खज़ाना और मैंने और मेरी पत्नी ने अपना सबसे प्यारा दोस्त खोया है।
साहसी और जिंदादिल थीं माया
पिछला लेख