महोबा जिला के दर्जन गांव के किसान आज भी 2015 में भई अतिओला वृष्टि ओर सूखा राहत की चेक के लाने भटकत हे। अधिकारी आश्वासन देके लौटा देत हे। जीसे मुआवजा तो कम खर्चा ज्यादा लग जात हे।
ब्लाक पनवाड़ी, गांव विजयपुर। एते के भगवानदास अहिरवार, मइयादीन, महेश कुमार ओर छविलाल कहत हे की हम लोग पांच-पांच बीघा के कास्तकार हें। हमें सूखा राहत की चेक नईं मिली हे। लेखपाल कहत हतो की तुम बड़े आदमी हों तुम्हे दूसर चेक न मिलहे। जभे सूखा परत हे तो का खेहें। अगर जमीन हे ओर कछू पैदा नईं भओ तो माटी खाके परिवार पालन। एसई धवार गांव के किसान भनूप्रसाद, चिन्तामन ओर रामस्वारूप कहत हे की हम लेखपाल ओर तहसील के चक्कर लगा के परेशान हो गये हे। आज तक अश्वास ने अलावा कछू नई मिलो हे। एई से 19 जनवरी खा तहसील दिवस में दरखास दई हे। शायद कछू सुनवाई हो जाये। काय से खेती के कारन हमाओ परिवार भुखमरी के कगार मे आ गओ हे। ब्लाक जैतपुर, कस्बा कुलपहाड़ को लल्लू, रामचरन ओर रमेंशचन्द्र कहत हे की ओलावृष्टि की चेक पायें के लाने छह महीना से चक्कर काटत हे। रामकिशोर कहत हे की हम एक एक रुपइया खा मोहताज हें। बैक जात हें तो ओते के कर्मचारी दपका के भगा देत हे। कहत हें की तुम्हाओ एते रुपइया नई आओ हे। परेशान करन न आये करो।
कुलपहाड़ तहसीलदार रामजी कहत हे की चाहे छोट कास्तकार हो जा फिर बड़ो। सबखा एक समान चेक दई जेहे। एक लेखपाल के पास दस-दस गांवन को चार्ज हे। जीसे देर लगत हे। पन्द्रह दिन के भीतर सबके खातन में रूपइया पोहोंच जेहे।
साहब? कभे मिलहे हमाई चेक
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