जिला वाराणसी, ब्लाक चिरईगाँव , गाँव बनकट। इहां के दलित बस्ती के चालीस घर के आबादी में खाली एक ठे हैण्डपम्प हव। उ भी साल भर से बिगड़ल हव। कुआं के पानी पिए के पड़त हव। जउन ए समय हिलई के तरे आवत हव। इ हैण्डपम्प से लगभग 125 लोग पानी पियत रहलन। लेकिन बिगड़ले के साल भर बाद भी एकर मरम्मत नाहीं भयल हव।
रामलखन, कमला, कान्ति समेत लगभग आउर कई लोग के कहब हव कि दू सौ मीटर दूरी से पानी लियावे के पड़त हव। आउर उ पानी भी हिलई के तरे रहत हव। ना पिए लायक ना बर्तन माजे लायक। लेकिन हमनी का करल जाई वही पानी पीला। अगर ना पियल जाई त करल का जाई।
कभी कभी इ पानी पी के हमने के परिवार बच्चन बीमार हो जालन। कई बार प्रधान से कहली लेकिन कउनों सुनवाई नाहीं भएल। हमनी त अब प्रधान से भी कहत कहत थक गइली।
इ सब के बारे में जब गांव के प्रधान पूजा देवी से पूछायल त ओन कहलीन कि जितना भी हैण्डपम्प रहल अभहीं कुछ दिन पहिले मरम्मत करवइले रहली। हमके मालूम नाहीं रहल कि उए भी बिगड़ल हव अब मालूम हो गएल हव ओके भी बनवा देब।
सालन से बिगड़ल हैण्डपम्प
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