उत्तर प्रदेश मंत्रालय की बैठक में 26 सितम्बर को एक अहम् फैसला लिया गया, जिसके अंतर्गत ये तय हुआ की अब प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए टीईटी के बाद लिखित परीक्षा भी अनिवार्य होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रालय की बैठक में फैसले लिया गया कि टीईटी पास अभ्यर्थियों की अब सीधे भर्ती नहीं होगी, बल्कि उन्हें लिखित परीक्षा से भी गुजरना होगा। सूत्रों के अनुसार, अब प्रदेश में लिखित परीक्षा के माध्यम से बेसिक शिक्षकों की भर्ती होगी। लिखित के लिए 60 और शैक्षिक योग्यता के आधार पर 40 अंक दिए जाएंगे। लिखित परीक्षा में सिर्फ टीईटी पास अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे।