गायक अभिजीत ने सलमान खान को सजा मिलने के बाद एक टिप्पणी की। उन्होंने कहा फुटपाथ पर कुत्ते सोते हैं। सड़क इन गरीबों के बाप की नहीं है। गहनों के मशहूर डिजायनर डी.जे. अकील की पत्नी फराह खान अली ने लिखा कि सलमान को सजा मिलना बिल्कुल ऐसा है जैसे रेलवे पटरी के सामने हम खुद जानबूझकर आ जाएं, ट्रेन हम पर चढ़ जाए और ड्राइवर को सजा हो जाए। कुल मिलाकर 2002 में फुटपाथ पर सो रहे लोगों पर अपनी महंगी कार चढ़ाने वाले सलमान खान को सजा मिलने पर बहुत लोग दुखी हैं।
हादसे में एक व्यक्ति मारा गया था और चार घायल हुए थे। मगर चाहने वालों के हिसाब से बेलगाम होकर कार चलाने वाले सलमान भले आदमी हैं। वह कई गरीब बच्चों की पढ़ाई का इंतज़ाम करते हैं। गरीबों की मदद के लिए ’बीइंग ह्यूमन’ नाम की एक संस्था चलाते हैं। सलमान के वकील ने भी यही पक्ष रखे थे। उसने कहा सलमान अपनी संस्था के ज़रिए पिछले सात सालों में करीब सात सौ लोगों के दिल का आपरेशन करवा चुके हैं।
फैसले पर इन दलीलों का असर भी दिखाई दिया। क्योंकि गैर इरादतन हत्या और शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में कम से कम दस साल की सज़ा होती है। मगर सलमान को इसकी आधी सज़ा मिली। हमारी सुस्त न्याय प्रक्रिया के कारण अक्सर गुनहगार चुस्त होकर मिले समय का फायदा उठाते हैं। वकील इस समय का इस्तेमाल गुनहगार की छवि को सुधारने के लिए करते हैं। तेरह सालों में सलमान ने भी यही किया। अब वह अपने इन कामों का हवाला देकर अपनी सजा को माफ करवाना चाहते हैं। सलमान और उनके चहेतों से हमारा केवल एक ही सवाल है – क्या उनके किसी चहेते की हत्या होने पर वह गुनहगार के पक्ष में खडे़ रह सकंगे?
सलमान की सजा पर अफसोस क्यों?
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