लखनऊ। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने रिटायर्ड जज वीरेन्द्र सिंह को उत्तरप्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त कर दिया। ऐसा देश में पहली बार हुआ है जब सर्वोच्च न्यायालय ने किसी प्रशासनिक पद पर नियुक्ति की है। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 14 दिसंबर को यूपी सरकार को दो दिन का समय देते हुए लोकायुक्त की नियुक्ति करने का आदेश दिया था।
बुधवार सुबह सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश के बावजूद उत्तरप्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं किए जाने को लेकर यूपी सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने अखिलेश सरकार से उन पांच फाइनल नामों की लिस्ट मांगी थी जिन्हें प्रदेश का लोकायुक्त बनाने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। सरकार ने मंगलवार को हुई मीटिंग में लोकायुक्त के लिए नौ नामों का चयन कर लिया था। उच्चतम न्यायालय के सख्त रुख को देखते हुए उत्तर प्रदेश में नए लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर चयन समिति की मंगलवार को पांच घंटे से अधिक चली बैठक के बावजूद कोई नाम तय नही हो पाया इसके अलावा भी बैठकें र्हुइं मगर नतीजा न निकला।
मंगलवार को हुई बैठक में सन 2011 के बाद अवकाश ग्रहण करने वाले उच्च न्यायालय के करीब 50 न्यायाधीशों के नामों पर विचार किया गया, जिनमें से नौ नाम छांट लिए गए थे। परन्तु इनमें से किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही थी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड और विधानसभा में विपक्ष नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सदस्य हैं।
सर्वोच्च न्यायालय नेे की यूपी लोकायुक्त की नियुक्ति
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