नई दिल्ली। हरियाणा में आरक्षण की मांग को लेकर जारी जाट आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार झुक गई है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई बैठक के बाद ऐलान हुआ है कि इसी सत्र में हरियाणा सरकार विधानसभा में बिल पेश करेगी। जबकि केंद्र में आरक्षण देने को लेकर एक उच्चस्तरीय कमेटी बनेगी। सरकार के भरोसे से जाट नेता संतुष्ट तो हैं लेकिन आंदोलन खत्म करने का ऐलान नहीं हुआ है। इस दौरान हिंसा में अबतक 19 की मौत हो चुकी है और 150 घायल हैं। हिंसा पर काबू पाने के लिए हरियाणा के 9 जि़लों को सेना के हवाले किया गया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित कई राजनीतिक नेताओं ने आंदोलनकारी जाटों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अपील के बावजूद राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं। रोहतक, जींद, भिवानी, झज्जर, सोनीपत, हिसार जैसे स्थानों में सामान्य जनजीवन प्रभावित है। कई लोगों का कहना है कि भीड़ पूरी तरह अनियंत्रित हो चुकी है, भीड़ पहले दुकानों में लूटपाट करती है फिर आग लगा देती है। प्रशासन और सरकार पूरी तरह नाकाम हो चुकी है।
उधर, जाट आंदोलन की वजह से दिल्ली में भी पानी का हाहाकार मचा हुआ है। आंदोलनकारियों ने मुनक नहर को बंद कर दिया था जिसकी वजह से दिल्ली की पानी सप्लाई रुक गई थी। सेना ने सोमवार सुबह 4 बजे मुनक नहर को अपने कब्ज़े में ले लिया। उम्मीद जताई जा रही है कि राजधानी जल्द ही इस समस्या को निपटा पाएगा। रोहतक में कफ्र्यू के बावजूद हालात बेकाबू हैं। रोहतक शहर की दुकानों में रात को लूटपाट के बाद आगजनी की है। जाट आरक्षण आंदोलन के नाम पर उपद्रवियों ने उत्पात मचाते हुए रोहतक के सभी प्रमुख बाज़ार और दुकानो को आग के हवाले कर दीं। शहर में अब भी तनाव और दहशत का माहौल बना हुआ है। गुड़गांव में आरक्षण प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी थी। हालात काबू में हैं। कई जगहों पर अतिरिक्त पुलिस की तैनाती की गई है।
15 तारीख से ट्रेन मूवमेंट प्रभावित है। करीब 10 स्टेशनों को जलाया है। 2 जगहों पर ट्रैक को भी जलाने की कोशिश की गई है और कुछ जगहों पर ट्रैक उखाड़ा गया है। 750 से ज़्यादा ट्रेनें रद्द हो गई हैं। 200 मालगाडि़यां भी प्रभावित हुई हैं।
सरकार के भरोसे के बावजूद जारी रही जाट हिंसा
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