रिलायंस ग्रुप के जियो इंस्टीट्यूट को ‘उत्कृष्ट संस्थान’ का का दर्जा दिए जाने का फैसला केंद्र सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है। इस मामले पर सरकार के ही दो मंत्रालयों में मतभेद है।
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय(एचआरडी) से आपत्ति जाहिर की थी। व्यय विभाग ने कहा कि स्थापना से पहले ही उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा उन्हें अपनी ब्रांड वैल्यू सुधारने का मौका देगा। इससे उन्हें पहले से मौजूद सरकारी और निजी संस्थानों से ऊपर जगह मिल जाएगी।
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, ‘व्यय विभाग ने कहा था कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए ये सही नहीं है। किसी संस्था को सिर्फ नेक इरादे के आधार पर ये दर्जा दिया जाना गलत है।’ इससे पहले ऐसे संस्थान को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर एचआरडी मंत्रालय में विरोध किय़ा गया था।
इससे पहले एक रिपोर्ट में अंग्रेजी अख़बार ने लिखा था कि एचआरडी मंत्रालय ने शुरू में जो नियम बनाए थे उसके मुताबिक जियो इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का टैग मिलना मुश्किल था। लेकिन पीएओ के दखल के बाद नियमों में कुछ बदलाव किए गए।
बता दें, जियो इंस्टीट्यूट रिलायंस फाउंडेशन का एक संस्थान है। जिसका प्लान तैयार कर लिया गया है और अगले तीन सालों में इसे शुरू किया जा सकता है।