जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव अहिरी का पुरवा बालापुर। हिंया के भोली नाम के मेहरिया के उमर सत्तर बरस के हवै। पांच बरस से वृद्धा पेंशन के मांग प्रधान बड़की से करत हवै, पै वा नहीं सुनत आय। यहिसे वा बहुतै परेशान हवै।
भोली का कहब हवै कि मोहिका वृद्धा पेंशन नहीं मिलत आय। या कारन मैं बहुतै परेशान रहत हौं। मैं काम भी नहीं कइ सकत हौं कि कुछौ खर्चा चले मोहिका तौ एक जून भूखे सोय का परत हवै अगर वृद्धा पेंशन मिलै लागत तौ घर खर्चा चलै लागत कउनौ के सहारे न रहै का पड़त।
प्रधान बड़की के मनसवा शारदा का कहब हवै कि वहिका गरीबी रेखा मा नाम नहीं आय। या कारन वहिका फार्म लउट आवा हवै। मंै तीन दरकी फार्म भरे रहांै, पै तबहूं कुछ नहीं होत आय।
यहिनतान दूसर खबर जिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव देउंधा मा हवै। हिंया के सूरजकली चार सौ रूपिया खातिर दस बरस से दर-दर भटकत हवै। या कारन कइयौ दरकी प्रधान से कहिस हवै, पै वा नहीं सुनत आय।
हिंया के सूरजकली का कहब हवै-“ मैं गरीब मेहरिया आहू मैं कउनौतान मेहनत मजूरी कइके आपन परिवार का पेट भरत हौं। मोहिका रानी लक्ष्मी बाई आर्थिक मदद योजना के तहत चार सौ रूपिया का लाभ नहीं मिलत आय कि मोर खाना खर्चा का सहारा होय अउर रोजै का काम भी नहीं लागत आय। कत्तौ कत्तौ काम भी मिलत हवै। या कारन मैं ज्यादा परेशान रहत हौं। प्रधान से कहत रहत हौं, तौ नहीं सुनत आय। प्रधान चन्द्रकली के मनसवा कैलाश का कहब हवै कि जबैरानी लक्ष्मी बाई योजना के फार्म भरेगें रहै , तबै नहीं कहिस आय। अब वहिका दूसर लाभ दीन जई।
सरकारी लाभ का तरसत
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