सरकारी इमारत मा गांव का मड़ई कब्जा करें हैं। तहसील दिवस अउर एस.डी.एम. का दरखास दइके कब्जा हटवावैं के मांग कीन गे है।
जिला बांदा, ब्लाक तिन्दवारी कस्बा पैलानी। हेंया एक मंदिर है जेहिके बगल मा प्रतीक्षालय बना है। मंदिर का पुजारी प्रकाश नन्द कहत है-“मैं पचीस साल से हेंया पुजारी है । मंदिर के पास जिला पंचायत कइत से बना प्रतीक्षालय मा कस्बा का शिवकरण सिंह कब्जा करे है। कब्जा हटवावैं खातिर मैं 5 नवम्बर 2013 का डी.एम. का दरखास दीनेंव। अगर 20 नवम्बर 2013 तक कब्जा न हटावा गा तौ मैं अनशन करिहौं।” शिवकरण सिंह कहत है कि दस साल से मैं परिवार समेत यहिमा रहत हौं। अब प्रकाश नन्द कहत है कि हेंया प्रतीक्षालय है।
जिला पंचायत अभियंता एस.पी. पाण्डेय का कहब है कि अगर जिला पंचायत कइत से प्रतीक्षालय बना है। एस.डी.एम. के सहयोग से जेई भेज के जांच कराके कब्जा हटवइबे।
महुआ ब्लाक का मुगौरा गांव। हेंया के लालाराम अउर कल्लू कहत हैं-“1995 मा सरकार लाखन रूपिया खर्च कइके पंचायत भवन बनवाइस रहै। गांव का कमल बैल बांध के अउर लढ़ी धई के कब्जा करे है।” कमल का भतीजा जर्नादन कहत है कि हम मना कई देबे तौ चाचा पंचायत भवन से आपन लढ़ी अउर जानवर हटा लेई।
प्रधान पुष्पा का मनसवा विजय कुमार मिश्रा कहत है कि वा पंचायत भवन के पिछले साल मरम्मत भी करवाये हौं। गांव वाले ही दरवाजा खिड़की तोड़ डारेन। केहिके नाम से कारवाही करौं। महुआ ब्लाक का बाबू जय किशोर कहत है कि जर्जर पंचायत भवन के बारे मा कउनौ सूचना निहाय। प्रधान ही कब्जा हटवा सकत है।