बांदा, महोबा। यहां 22 दिसम्बर 2013 से बुंदेलखंड के जिलों में अचानक बढ़ी ठंड ने लोगों में ठिठुरन पैदा कर दी है। लेकिन सरकारी इंतज़ाम अभी ठंडे पड़े हैं। बांदा शहर मोहल्ला खुटला के सलीम खान और नगनेधी गांव के अच्छेलाल ने कहा अधिकारियों को लोगों की चिंता नहीं होती। बांदा नगर पालिका के लिपिक छोटे बाबू राधा मोहन ने बताया कि अलाव तो शुरू हो गए थे। लेकिन एक दो दिन से लकड़ी खतम होने के कारण बंद पड़े हैं। महोबा के ब्लाक कबरई छंगा चैराहा के मुन्ना और शान्ति ने बताया कि पन्नियां बिनकर उसे जलाते हैं, ताकि ठंड से बच सकें। थवशाल नगर के रिक्शा चालक छोट्टन का कहना है कि सुबह ठंड में हाथ नहीं चलते। कूड़ा बीनकर आग जलाकर काम चलाना पड़ता है। महोबा नगर पालिका के अधिशासी अभियन्ता दिनेश कुमार ने बताया ठंड अभी शुरू हुई, अब अलाव जलवाए जाएंगे।
चित्रकूट। कड़ाके की ठंड शुरू हो गई। लेकिन प्रशासन ने अभी कोई इंतज़ाम नहीं किया है। ब्लाक मऊ, कस्बा खण्डेहा के रामसिंह ने बताया कि यहां अभी तक अलाव जलने शुरू नहीं हुए हैं। ब्लाक रामनगर, कस्बा राजापुर के रहने वाले प्रमोद, नीरज और संजय का कहना है कि बस अड्डे में लोग ठंड से ठिठुरते हैं। पर लगता है कि जब कोई मर जाएगा तभी सरकार जागेगी। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी लाल चन्द्र सरोज का कहना है कि लकड़ी पहुंचा दी गई है। 26 दिसम्बर से अलाव जलने शुरू हो गए हैं।