झारखंड, पालामू के डाल्टनगंज शहर के सदर अस्पताल में दो महीने पहले ही डॉक्टर प्रवीण सिद्धार्थ ने ज्वाइन किया। सप्ताह के अंत में उन्होने, उनके साथी डॉक्टरों और स्टाफ ने एक 14 साल के लड़के को खून दिया है और सीटी स्कैन तथा अन्य जरुरी चीजों का इंतजाम किया, जो कि अस्पताल में मौजूद नहीं था। इसके अलावा बाहर से दवा लाकर अपने बूते पर लड़के का ऑपरेशन भी किया।
डॉक्टर सिद्धार्थ ने बताया कि अगर संक्रमित भाग को हटाया नहीं जाता, तो पैर में सेप्टिक होना शुरू हो जाता और वह घातक साबित हो सकता था। इसलिए 15 अप्रैल को लड़के का ऑपरेशन करने का फैसला लिया गया।
लड़के के पिता जमशेदपुर के रहने वाले पेशे से रिक्शा चालक हैं, जो अस्पताल में आकर भावुक हो गए कि उनके बेटे की जान बचा ली गयी। उनके बेटे की ये दुर्दशा ट्रेन से गिरने पर हुई थी।