जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव बोझ,मजरा अधकड़िया, 1 मार्च 2017। गांव बोझ में नाली की सफाई की व्यवस्था पिछले 6 साल से नहीं हो रही है। आवारा पशु फसल खराब कर रहे हैं। प्राथामिक विद्यालय 10 किलोमीटर से कम नहीं है, जिसके कारण इस गांव के बच्चे 10-10 साल के होने के बाद भी अक्षर ज्ञान नहीं जान पा रहे हैं। ये परेशानियों की लिस्ट रईस अहमद बताते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये लिस्ट ऐसे गांव की है, जिसे समग्र ग्राम्य विकास के अन्तर्गत लिया गया है।
समग्र ग्राम्य विकास योजना के अन्तर्गत 10-10 गांवों का चयन विधानसभा और विधानपरिषद के सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्रों से करते हैं। समग्र ग्राम्य विकास योजना में चयन के बाद जल, आवास, शौचालय, नाली, सड़क, विद्यालय और टीकाकरण आदि सुविधाएं को उस गांव को मुहिया कराई जाती हैं। पर ये गांव समग्र ग्राम्य विकास की सूची में तो हैं । पर गांव विकास से कोसों दूर है।
दिलशाद कहते हैं, “पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। गांव में कोई अस्पताल नहीं है, जिसके कारण लोग 2 किलोमीटर सफर करके इलाज करवाते हैं। गांव की सड़क इतनी खराब है कि बरसात के दिनों में लोग कीचड़ में गिरते हैं।”
अंजुम बेगम कहती हैं, हमारे गांव में सड़क, विद्यालय, पानी की व्यवस्था नहीं है। औरगांव के बच्चे अनपढ़ हैं। अंजुम के जैसे ही रजिया बेगम भी राशन कार्ड और पेंशन नहीं मिलने की बात कहती हैं।
इस गांव में एक समग्र ग्राम जैसा कुछ भी नहीं हैं। गांव की सड़क कच्ची हैं, जो हर बार बरसात के आने पर कीचड़ से भर जाती हैं। नालियों का गंदा पानी भी सदियों से बनी नालियों को तोड़कर रास्तों में बह रहा है। इस समग्र ग्राम्य के विकास की जानकारी पर प्रधान प्रतिनिधि रामभरोसे बताते हैं कि यहां नाली और सड़क का काम पुराने समय में हुआ था। अभी इंदिरा आवास का निर्माण हो रहा है। हमारे खराब नाली और सड़क के पुनःनिर्माण के बारे में पूछने में वह टालते हुए लहजे में कहते हैं कि यहाँ मार्च से काम शुरु हो जाएगा।
खैर, ये बात यहाँ साफ़ नज़र आती है कि एक समग्र ग्राम्य जो सरकारी कागजों में तो समग्र ग्राम्य विकास योजना के अन्दर विकसित हो गया है। पर जमीन तौर पर विकास इस गांव को छूता तक नहीं है।
रिपोर्टर- सुनीता देवी
Published on Feb 28, 2017