सरकार पंचायती राज में जे नियम लगयले छथिन ओकर पालन बहुत कम हो रहल हई। जईसे कि एक साल में चार गो आम सभा के बैठक होये के चाही ताकि ग्रामवासी के पंचायत के विकास अउर काम के बारे में जानकारी हो। लेकिन अईसन होई छई कहां?
सरकार के नियम में हई कि साल में चार बेर ग्राम सभा करे के लेकिन जनप्रतिनिधि सब कागज पर काम कर लेई छथिन अउर जमीनी स्तर पर होयेबे न करई छई। जेई कारण वार्ड सदस्य विकास मित्र के न त योजना के जानकारी मिलई छई अउर न कोनो समस्या के लेके आवेदन दे सकई छथिन। जईसे सीतामढ़ी जिला के डुमरा प्रखण्ड के लगमा पंचायत के वार्ड सदस्य के कहना हई कि जब साल में चार बेर आम सभा होय के हई त तीने बेर कयला होई छई? जब कागज पर ही काम करे के हई त सरकार कयला इ नियम रखले छथिन। त नियम के पालन होये के चाही। ऐई आम सभा में पंचायत के मुखिया त रहबे करई छथिन साथ में सरकारी कर्मी भी रहई छथिन। जब कोई भी लोग अपना पद के अधिकार अउर काम न जनथिन त उ काम कथी करथिन? उ लोग कथी जनथिन कि पंचायत में कोन काम होई छई अउर कोन काम होय के चाही। ऐई सब बात के ध्यान मुखिया देथिन त शायद लोग सब के कुछ समस्या दूर हे जतई।
सब के अधिकार के दिउ जानकारी
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