इंदौर जिला से आई प्रिया अउर सुनीता या समय चित्रकूट जिला मा माला बेचैं का काम करत हवंै। प्रिया कहत हवै कि हम लोग इंदौर जिला के सरगौन गांव के रहै वाले हवंै। हमका बंजारे के जाति से जाना जात हवै। हम हमेशा एक जिला से दूसरे जिला तक मा घूमत रहित हन। समाज मा जब हम माला लइके बेचै खातिर उतरी हवैं तौ औरत समझ के पुरूष हमका घेर लेत हवंै। जिनका खरीददारी नहीं भी करै का होत हवै तौ उंई लोग बेमतलब की बातै करत हवैं अउर कइयौ दरकी हमार मजाक भी उड़ात हवैं। हम उनके बातन मा आके निराश होके नहीं बइठित हन बल्कि डट के सामना करित हन अउर मंुह तोड़ जवाब देइत हन। समाज मा हर तान के काम का करै का अधिकार तौ सबै का होत हवै।
सब काम कर सकत हवैं औरतें
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