जिला बांदा, ब्लाक बड़ोखर खुर्द, गांव हटेटी पुरवा का मजरा कहला। हेंया लगभग नब्बे प्रतिशत (सौ मा नब्बे) मड़ई सब्जी बेंच के परिवार पालत है। मेहरियन का या काम मा बहुतै बड़ा हाथ है। उनकर या काम पुश्तैनी धन्धा बन गा है। केन नदी के किनारे बसा या मजरा बांदा शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर है। इं मेहरिया रोज यतना दूर रोज आवत जात हैं। यतना ही नहीं कइयौ मेहरिया आपन गांव से ही पसेरिन सब्जी मूड़ मा धई के लावत हंै। बची सब्जी वापस भी लई जात हैं।
सब्जी बेंचै वाली शिवरानी, राजश्री, शान्ती अउर जगरानी कहत है कि हम रोज चार बजे शाम के बांदा जइत है। जेहिके सब्जी के बारी है तौ वा लइके जात है नहीं तौ सब्जी मण्डी से थोक मा सब्जी व्यापारिन से लइके फुटकर बेचित है। दिन मा कुछ व्यापारी अउर पुलिस अतिक्रमण के कारन सड़क के किनारे बइठै नहीं देत। रात मा सात आठ बजे से लइके ग्यारह बजे तक सब्जी बेंचित है। फेर व्यापारी का हिसाब करित हन। तबै कतौ रात के एक दुई बजे तक यतना दूर पैदल रास्ता चल के घर पहंुचत हन। या काम हमार रोज का आय। यहिसे रोज का तीस से साठ रूपिया तक के कमाई होत है। जेहिसे एक दिन के खाय का होई जात है।
सब्जी बेंच के चलावत परिवार
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