नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गरीबों को सस्ते अनाज का कानूनी अधिकार देने के उद्देश्य से खाद्य सुरक्षा विधेयक के प्रारूप (यानी इस कानून के बनने के लिए जो दस्तावेज बनाए गये है) को मंजूर कर लिया है। लेकिन खाद्य मंत्रालय के अुनसार अनाज का दाम (गेहूं-दो रुपए प्रति किलो और चावल तीन रुपए प्रति किलो) महंगाई बढ़ने के अनुसार बढ़ाया जाएगा।
देष की 67 प्रतिशत आबादी (लगभग अस्सी करोड़ लोग) को इसका लाभ मिलेगा। जबकि अभी तक राषन वितरण प्रणाली (पीडीएस) से गरीबी रेखा से नीच (बी.पी.एल.) और गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के करीब पंद्रह करोड़ परिवारों को ही सरकारी अनाज मिल रहा था।
विधेयक में क्या
-आबादी को लाभ पाने वालों और सामान्य परिवारों में बांटा गया है। प्राथमिकता वाले परिवारों में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) वाले परिवार और सामान्य में गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) वाले परिवार हैं।
-प्राथमिकता वाले परिवारों को कुल पांच किलो अनाज मिलेगा जिसमें चावल तीन रुपए प्रति किलो, गेहूं दो रुपए प्रति किलो और मोटा अनाज एक रुपया प्रति किलो होगा।
-सामान्य वर्ग के भीतर आने वाले लोगों को कम से कम तीन किलो अनाज इन कम दामों में मिलेगा।
– योजना में गर्भवती महिलाओं, बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं, आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले बच्चों और बूढ़े लोगों को पका हुआ खाना मिलेगा।
-स्तनपान कराने वाली महिला को 1,000 रुपए छह महीनों के लिए मिलेंगे।
-प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, सूखा जैसी स्थितियों में अगर सरकार खाना नहीं दे पाती तो उसके बदले पैसा मिलेगा।