बरिहा कुम्हढ़ा पेठा बनावें वाला फल आय। आगरा का पेठा तौ बहुतै मशहूर हवै। आज हम चलित हवै जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव खंडेहा के मजरा नेउरा मा जहां बरिहा कुम्हढ़ा के खेती होत हवै।
खेती करै वाले रफीक अली बतावत हवै कि फावड़ा से गड्ढा खोद के बीज डालित हवै फेर डीएपी अउर गोबर के खाद डालित हवै। डीएपी खाद महंगी मिलत हवै अउर गोबर के खाद पांच सौ रुपिया टाली मिलत हवै। गड्ढा मा खाद बीज डाल के पाट के ऊंच कइ देइत हवै जेहिसे बरसात मा बीज सड़ न पावै। पन्द्रह बीघा मा कुम्हढ़ा के खेती लगायें हौं। जुलाई मा कुम्हढ़ा लगावा जात हवै। चार महीना के फसल होत हवै।
सितम्बर के अंत मा कुम्हढ़ा टूटे लागत हवै। एक ट्रक बरिहा कुम्हढ़ा साढ़े तीन सौ के बिकत हवैं सोलह टन बेंचे मा पचास साठ हजार रुपिया मिलत हवै। एक साल मा तीन-चार लाख के आमदनी होत हवै। जबलपुर अउर सतना मा हमार कुम्हढ़ा बिके जात हवैं। मनुवर अली बताइस कि चार साल से बरिहा कुम्हढ़ा के खेती करत हौं पै हमें खेती का पूर लाभ नहीं मिलत आय। हमार बहुतै बड़ा परिवार हवैं यहै कारन दुसरेन के जमीन मा खेती करत हौं।
रिपोर्टर-सुनीता देवी
Published on Dec 14, 2017