जिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव पिपरौंद के दलित बस्ती मा कउनौ विकास नहीं आय गांव के मड़ई बताइन की हिंया न शौचालय आय न कलोनी न कउनौ सुविधा आय। प्रधान भी सुनत आय न कउनौ अधिकारी सुनत आय आहीं। हमार गांव अबै भी विकास से कोसन दूर हवै।
रूपा देवी बताइस कि हमैं कुछौ नहीं मिलत आय शौचालय, कलोनी आय न पेंशन बनी आय। प्रधान कहत हवै कि अबै आई नहीं आय। बेसनिया देवी का कहब हवै कि एक महीना से शौचालय खातिर परेशान हन हमरे बाहर शौचालय बनवावै का जघा नहीं आय।
चाहे किरवा चबाये चाहे बीछी छह पुतहुयें हवै अउर मोहिका मिला के सात जने होइत हन कोउ सुनत नहीं आय सब कहत हवै कि अपने का बनवा लेइ बहुतै आय। सपना बताइस कि कलोनी मिलत आय न शौचालय मिलत आही जिला पंचायत मित्र सुनत नहीं आय न प्रधान । तौ हम का करी। सीलम बताइस कि प्रधान कहत हवै शौचालय नहीं का बनवावत नहीं आय गड्डा का खुदवा के फेंक दिहिस हवै। बहुतै परेशानी होत हवै घर मा पानी भर जात हवै।
अतुललाल बताइस कि हर रोज तौ काम मिलत नहि आय प्रधान भी नहीं लगवावत आय महीना मा 2-4 दिन बस काम लागत हवै। बस आपन गुजारा होत हवै। हिंया जाति वाद बहुतै चलत हवै जउन जाति के प्रधान होत हवै उंई कालोनी आपन-आपन मड़ई का भर देत हवै ।
प्रधान ओम प्रकाश बताइस कि गांव के हित का रहै वा होइ गा हवै।हमार कार्य योजना समाप्त होइ गे हवै। अब आगे जबै काम शुरु होइ तौ नाली अउर रास्ता बनवावा जई मनरेगा मा भी काम करावा जई गांव के बूढ़ अउर असहाय मड़ई खातिर 7 शौचालय बनवा दीने हौ कुछ मड़इन का अबै सामान पड़ा हवै दूसर क़िस्त मिले के बाद शौचालय बनवाइहौं।
रिपोर्टर- सहोद्रा
12/04/2017 को प्रकाशित