राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य के आरक्षण के खिलाफ दिए गए बयान से नाराज़ होकर दलित पत्रकार सुनील जाधव ने अपना पुरस्कार लौटने की घोषणा कर दी है। 41 वर्षीय सुनील जाधव को ‘महात्मा ज्योति राव फुले ऑउट स्टैंडिंग दलित एक्टविस्ट अवार्ड’ दिया गया था। इस पुरस्कार के तहत उन्हें पच्चीस हजार रुपये नकद भी दिए गए थे।
सुनील जाधव को यह पुरस्कार राज्य सरकार की ओर से पत्रकारिता में बेहतरीन योगदान देने के चलते दिया गया। आरक्षण के खिलाफ दिए गए आर एस एस के मनमोहन वैद्य के बयान से सुनील बहुत आहत हुए हैं।
2011 में सुनील जाधव को ये पुरस्कार सामाजिक अधिकारिता और न्याय मंत्रालय ने दिया था। इस बारे में सुनील ने कहा कि “हमने ये पुरस्कार मनमोहन वैद्य के आरक्षण के खिलाफ दिए गए बयान और कोटा नीति की समीक्षा के चलते इसे लौटाने का निर्णय लिया है। आर एस एस के प्रचारक ने बाबा साहेब के बनाए संविधान की आलोचना की है और वह संविधान को मूल रुप में बने रहने देना नहीं चाहते।”
आपको बता दें, सुनील जाधव का बयान ऐसे समय में आया है जब पूरे गुजरात में सामाजिक असमानता को लेकर दलित आंदोलन कर रहे हैं। पिछले साल हुए ऊना कांड से दलितों में गुस्सा भरा है। सुनील ने कहा कि वह पुरस्कार वापस लौटाकर दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के प्रति सरकार की आंखें खोलना चाहते हैं।
जल्द ही वे पुरस्कार और इनाम दोनों ही लौटा रहे हैं।