बुंदेलखण्ड के स्कूलन मा षौचालय के समस्या हवै। ज्यादातर स्कूलन केष्षौचालय टूट फूट परे हवैं। कत्तौ उनमा दरवाजा अउर खिड़की नहीं लाग हवैं। अगर कत्तौ षौचालय बने भी हवैं तौ स्कूल के मास्टर ताला डाले रहत हवैं। इनतान के हालत मा स्कूल के लड़का लड़की कहां जाये? एक कइती प्रधान मंत्री नरेन्द्र सिंह मोदी हर स्कूल, गांव, घर अउर चैराहन मा षौचालय होय के बात करत हवंै। साथै षहरन मा साफ सफाई मा जोर देत हवैं दूसर कइती शौचालय के साफ सफाई के व्यवस्था होब जरूरी हवै। गंदे शौचालय होय से स्वास्थ्य मा भी बुरा असर परत हवै। षिक्षा के अधिकार के तहत शौचालय स्कूल मा बनब जरूरी हवै। यहिके खातिर स्कूल के कमेटी का देखैं का चाही कि शौचालय के व्यवस्था साफ सफाई हवै या नहीं। चित्रकूट जिला, पहाड़ी ब्लाक, गांव बक्टा बुजुर्ग के प्राथमिक स्कूल मा बिना षौचालय के एक बच्चा के मौत होइगे। अगर षौचालय स्कूल मा होत तौ बच्चा के मौत न होत। बक्टा बुजुर्ग का षौचालय बनवावैं खातिर सरकार कइती से सत्तर हजार रुपिया आवा रहै तौ वा रुपिया कहां गा? वा रुपिया षौचालय बनवावैं मा इस्तेमाल काहे नहीं कीन गा? इनतान के निगरानी सरकार षिक्षा विभाग वालेन के ऊपर काहे नहीं राखत आय?
शौचालय बनवावैं मा ध्यान दे सरकार
पिछला लेख
बिजली से जुड़ो हे बच्चन को भविष्य
अगला लेख