जिला बांदा, शहर बांदा, कस्बा कालिंजर सावन के महीना मा कजली का मेला राजा महाराजा के समय से लागत है। हेंया कजरी का मेला करैं खातिर दूर-दूर से मड़ई आवत हैं। हर साल के जइसे या साल भी कजरी का मेला मनावा गा है। मेला मा मुगल शाषन के घोड़ा का भी सजा के सवारी कीन गे है।
कस्बा के रहैं वाले रामदीन का कहब है कि पहिले अउर अब के मेला मा बहुतै अंतर है। यहिकर कारन है कि पहिले येत्ती ज्यादा महंगाई नहीं रहै। अब कुछ साल से महंगाई बढ़ जाये के कारन मेला मा भी महंगाई का असर देखाई देत है। कमेटी मेला अध्यक्ष वंशू सोनकर अउर कमेटी का एक मड़ई कहिस कि या मेला मुगल सम्राट के समय से लागत है। या मेला कालिंजर कस्बा के सुन्दरता का बढ़ावत है। हेंया किला है। हेंया के राजा राजा परमाल रहैं। या किला यहिसे भी मशहूर है कि कउनौ समय कन्नौज के रहैं वाले दिल्ली के राजा पृथ्वीराज चौहान हेंया डेरा दाल लिहिन रहैं। पृथ्वीराज चौहान चंद्रावल का हरा के हेंया आपन कब्जा कइ लिहिन रहैं।
या बात जबै महोबा जिला के जाने माने आल्हा ऊदल का पता परी तौ उंई हेंया आय अउर राजा पृथ्वीराज चौहान से युद्ध करिन। वा युद्ध मा पृथ्वीराज चौहान के पराजय भे। या कारन से या मेला का नाम कजरी मेला पर गा। उनका भी या मेला मनावैं के कारन याद कइ लीन जात है।
कस्बा के रहैं वाले रामदीन का कहब है कि पहिले अउर अब के मेला मा बहुतै अंतर है। यहिकर कारन है कि पहिले येत्ती ज्यादा महंगाई नहीं रहै। अब कुछ साल से महंगाई बढ़ जाये के कारन मेला मा भी महंगाई का असर देखाई देत है। कमेटी मेला अध्यक्ष वंशू सोनकर अउर कमेटी का एक मड़ई कहिस कि या मेला मुगल सम्राट के समय से लागत है। या मेला कालिंजर कस्बा के सुन्दरता का बढ़ावत है। हेंया किला है। हेंया के राजा राजा परमाल रहैं। या किला यहिसे भी मशहूर है कि कउनौ समय कन्नौज के रहैं वाले दिल्ली के राजा पृथ्वीराज चौहान हेंया डेरा दाल लिहिन रहैं। पृथ्वीराज चौहान चंद्रावल का हरा के हेंया आपन कब्जा कइ लिहिन रहैं।
या बात जबै महोबा जिला के जाने माने आल्हा ऊदल का पता परी तौ उंई हेंया आय अउर राजा पृथ्वीराज चौहान से युद्ध करिन। वा युद्ध मा पृथ्वीराज चौहान के पराजय भे। या कारन से या मेला का नाम कजरी मेला पर गा। उनका भी या मेला मनावैं के कारन याद कइ लीन जात है।
रिपोर्टर- मीरा देवी
24/08/2016 को प्रकाशित
शुरू हुआ कालिंजर का ऐतिहासिक कजली मेला