सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकार सब नवसृजित प्राथमिक अउर मध्य विद्यालय में मुफ्त में केताब देई छथिन। ताकि सब बच्चा के सम्पूर्ण शिक्षा मिले। लेकिन समय से किताब न मिले के कारण बच्चा सब के दिक्कत होई छई। अभि नवम्बर बित रहल हई। लेकिन शिवहर जिला में पहला अउर छठा वर्ग के बच्चा के लेल अब किताब अलई। ऐतना समय बितला के बाद बच्चा के किताब मिलतई त उनकर पढ़ाई केना होतई। जेकर कारण हई कि जिनका पास रूपईया हई उनकर बच्चा प्राईवेट स्कूल में पढाई पुरा करई छथिन। लेकिन जे मजदूर लोग छथिन उनकर बच्चा के पढ़ाई पुरा न होई छई। शिवहर जिला के खाजेपुर गांव के आशा कुमारी कहलथिन कि परीक्षा नजदीक आ गेल हई अउर किताब अभि मिलई छई त बच्चा कईसे परीक्षा में लिखतई। जेई कारण बच्चा आगे पढ़ या बढ़ भी न पवई छई। कहावत हई कि जिनका पास विद्या हई उनके पास धन या लक्ष्मी भी होई छई। गरीब के बच्चा के पढ़ाई ही पुरा न होतई त उ आगे कईसे बढ़तई।
सरकार शिक्षा के उपर करोड़ो रूवईया खर्च करई छथिन ताकि सब विद्यालय के बच्चा के सम्पूर्ण शिक्षा मिले अउर सब बच्चा पढ़े, आगे बढ़े। नियम त लागू होई छई लेकिन नियम के पालन केतना हद तक होई छई? अगर समय से किताब अउर सम्पूर्ण शिक्षा विद्यालय के बच्चा के मिलतियई त शायद लोग ऐतना पिछे न रहतियई। जिन्दगी में सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा ही हई। ऐई के लेल सरकार के ध्यान देवे के होतई।
शिक्षा ही धन हई
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