बांदा अउर चित्रकूट जिला। हिंया एक कइती दुर्गादेवी अउर दूसर कइती मोहर्रम का ताजिया के ढोल नगाड़से मड़इन का बहुतै मजा आवा। या हमार हिंदू अउर मुस्लिम के एकता का प्रतीक हवै।
शासन प्रशासन भी बहुतै सुरक्षा बनाये राखे हवै। दूनौ त्यौहार मा बाजा अउर डीजे बजत रहै। दूनौ मा एक सामंजस देखै का मिला हवै। पहिले तौ मड़इन का सोच रहै कि या त्यौहार मा कतौ सांप्रदायिक हिंसा न होइ जाये। पै शायद मड़ई या भी जानत हवै कि हम सब आपस मा भाई भाई अहिन। यहिसे उनका मिल के रहै के जरुरत हवै। अगर यहिनतान हमार एकता बनी रहै तो फेर का कहैं का हवै। चित्रकूट अउर बांदा जिला के एकता से हर जिलन के मड़इन का एक सीख लें के जरुरत हवै। यहिसे कत्तौ भी दंगा या हिंसा नहीं होइ सकत हवै। बांदा अउर चित्रकूट जिला के डी.एम.अउर एस.डी.एम. पुलिस प्रशासन भी नींक व्यवस्था बनावै खातिर खूबै देखभाल करिन हवैं। यहिनतान हर अधिकारी अगर आपन जिम्मेदारी अउर व्यवस्था का पूर ध्यान दे तौ समाज मा कउनौ भी साम्प्रदायिक हिंसा नहीं घट सकत हवै। फेर दूसर कइती जिम्मदारी बनत हवै जनता के। जनता आपस मा भाई चारा बनाये राखै मा एक दूसरे के मदद करत हवै। या एक बहुतै नींक बात का प्रतीक हवै। मड़ई नारा लगावै मा भी कउनौ कसर नहीं छोडि़न हवै। एक कइती जय माता दी दूसर कइती हुसैन हुसैन या हुसैन।
शासन प्रशासन करिस नींक व्यवस्था
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