देश में ग्रामीण राजस्थान और ग्रामीण उत्तरप्रदेश में दो–तिहाई आबादी अभी भी छुआछूत मानती है। एक सर्वे के अनुसार, एक ही क्षेत्र में आधी आबादी आज भी दलित और गैर–दलित हिंदू अंतर्जातीय विवाह के खिलाफ हैं।
इस सर्वे में करीब दो–तिहाई महिला ग्रामीण राजस्थान(66%) और ग्रामीण उत्तर प्रदेश(64%) उत्तरदाताओं ने माना है कि वह छुआछूत करते हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार, शहरी राजस्थान में 50% उत्तरदाताओं ने छुआछूत करना कबूल किया। जबकि शहरी यूपी में 48% और दिल्ली में 39% लोगों ने माना कि वह छुआछूत करते हैं।
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार, यह सर्वे ‘सोशल एटिट्यूड रिसर्च, इंडिया (एसएआरआई) दिल्ली, मुंबई, राजस्थान और यूपी में 2016 में किया गया।
यह सर्वे दलितों और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव पर केंद्रित था। सर्वेक्षण के लिए कुल 8,065 लोगों (पुरुष और महिला) से बातचीत की गई। सर्वेक्षण के आधार पर रिपोर्ट 6 जनवरी को प्रकाशित की गयी।
टेक्सास विश्वविद्यालय, रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर कंसियाटेट इकोनॉमिक्स और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए सर्वेक्षण में, “स्पष्ट पूर्वाग्रह” पर प्रकाश डाला गया है।
दलित और गैर–दलित हिंदुओं में अंतरजातीय विवाह पर हुए सर्वेक्षण के अनुसार, ग्रामीण राजस्थान में 60% और उत्तर प्रदेश में 40% लोगों ने अंतर जाति विवाहों का विरोध किया। साथ ही उत्तरदाताओं ने इसके लिए एक खास कानून का होना जरुरी बताया है।