प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी बिहार यात्रा में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी अभियान की तारीफ की थी। बिहार में शराबबंदी को नहीं मानने वाले को 10 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक की सजा का प्रावधान है। पर आपको जानकार हैरानी होगी कि शराबबंदी अभियान के 270 दिन बीतने के बाद बिहार में अपराध कम होने की जगह बढ़ा है, जबकि नीतीश कुमार ने शराबबंदी के तीस दिनों के बाद दावा किया था कि अपराध में 27 प्रतिशत की कमी हुई है, ये आंकडे अप्रैल 2015 से अप्रैल 2016 के थे। पर वास्तविकता ये हैं कि अपराध की संख्या अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2016 तक में ये आंकडे 14,279 से बढ़कर 16,153 तक आ गए हैं।
बिहार में शराबबंदी के बाद से हत्या, बलात्कार, अपहरण और दंगे जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। नीतीश कुमार ने बिहार चुनाव में शराबबंदी का वादा किया था। आपको बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने इस शराबबंदी पर बिहार सरकार की फटकर भी लग दी है, क्योंकि ये रोक अनुच्छेद 21 का सीधा उल्लंघन करता था।
साभार: इंडियास्पेंड