इंदौर, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापम भर्ती घोटाले में 28 जून को एक और आरोपी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। इसके साथ ही इस घोटाले में मरने वालों की संख्या इक्तालिस हो गई है। चार महीने से इंदौर जेल में बंद डॉक्टर नरेंद्र तोमर की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वे सिर्फ तीस साल के थे।
व्यापम घोटाले का बड़ा खुलासा 2013 में हुआ था। भाजपा के कई नेता इसमें शामिल थे। इनमें से एक थे राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकान्त शर्मा।
मंत्री बाबूलाल गौर का कहना है कि इन मौतों का घोटाले से कोई सम्बन्ध नहीं है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने सी.बी.आई. जांच की मांग बार-बार की है पर राज्य सरकार लगातार इसका विरोध कर रही है। इस घोटाले में छात्र, उनके मां-बाप, राजनेता, बड़े व्यापारी और दलाल जैसे उच्च कोटि के लोग शामिल हैं।
आखिर क्या है इस घोटाले का सच?
यह घोटाला मेडिकल, इंजीनियरिंग, पुलिस, नापतोल इंस्पेक्टर आदि की भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में गड़बड़ से सम्बंधित है। इस घोटाले को लेकर कांग्रेस लगातार मुख्यमंत्री शिवराजसिंघ चैहान पर दबाव बनाए हुए है। सवाल है की आखिर एक के बाद एक इस घोटाले के आरोपियों की मौत क्यों हो रही है। सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है।