पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गरीब आदमियन खे लाने शहरी गरीब आवास योजना के तहत कांशीराम कालोनी बनवाई हती। जीमे बिजली पानी ओर बच्चन खे पढ़ई जैसी सारी सुविधा निशुल्क देय खा नियम बनाओ हतो, पे अब जा सुविधा कागजन तक ही सीमित रह गई हे। अगर हकीकत देखी जाय तो कछू ओर ही पाई जात हे।
हम बात करत हें महोबा जिला में बनी कांशीराम कालोनी की। जिते पानी की व्यवस्था खेे लाने टंकी धराई गई हे, पे ऊ टंकी शोपीस बन खे रह गई हें। काय से ईं टंकिन से हफ्तन पानी नई सप्लाई होत आय।
ईखा ताजा उदाहरण महोबा शहर में बनी कांशीराम ओर महोबा जिला के चरखारी ब्लाक के चरखारी कस्बा के मेला प्रांगण में बनी कांशीराम कालोनी हें। एक केती महोबा शहर की कांशीराम कालोनी खे पानी सप्लाई वाले पाइप फटे परे हें। ओतई दूसर केती चरखारी की कांशीराम कालोनी में एक हफ्ता से ज्यादा हो गये हें पानी नई सप्लाई भओ आय। अब उत्तर प्रदेश सरकार की पेयजल व्यवस्था खे ऊपर सवाल उठत हे कि गरीब आदमियन खे रहे की व्यवस्था तो सरकार ने कर दई हे, पे ओते पानी जेसी महत्व पूर्ण चीज की व्यवस्था कोेन करहे? का टंकी बनवा देय भर से सरकार की जिम्मेदारी खतम हो जात हे? ऊखे बाद ऊसे पानी सप्लाई होत हे कि नई, ओर अगर होत हे तो कित्ता होत हे जा सब देखे की जिम्मेदारी कीखी आय? अगर कहूं की पाइप लाइन फटी हे तो ऊखे सुधराये को काम कीखो आय? ई सब जिम्मेदारी देखे के लाने, का सरकार खा कोनऊ अलग से विभाग खोलने परहे?
व्यवस्था करब कीखी जिम्मेदारी
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