जिला चित्रकूट, मऊ कस्बा। यहां निर्मला घर से वोट डालने तो निकली लेकिन घर लौटी बिना वोट डाले। निर्मला ने बताया कि एक महीने इंतजार कर रही थी। जब समय आया तो वोट ही नहीं डाल पाई। मैं पहले कौशांबी इंटर कॉलेज गई तो वहां के लोगों ने कहा कि तुम पुरूषोत्तम इंटर कॉलेज जाओ। वहां गई तो मुझे महामति प्राणनाथ डिग्री कॉलेज भगाया गया। वहां पर पता चला कि मेरा नाम ही नहीं है। जबकि हमेशा वोट डालती हूं। इस तरह दो तीन घंटा भटकती रही। मैं आशा का काम करती हूं। मेरे अधिकारी छुट्टी नहीं दे रहे थे। तब भी मैं उनसे लड़कर पांच किलो मीटर पैदल चलकर मैदाना गांव से वोट डालने आई थी। शासन प्रशासन यह ध्यान नहीं देता कि लोगों के नाम हैं या नहीं। लोग सही जगह पर पहुंचे वोट डालने इसके बारे में कभी कुछ नहीं बताया जाता। इस मामले में बूथ संख्या 90 के बी.एल.ओ. कमलेश ने कहा कि हम बाहरी हैं। हमें जो लिस्ट दी गई है। उसी के हिसाब से हमने काम किया।
वोट डालने के लिए भटकती रही निर्मला
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