उत्तर प्रदेश के वृंदावन में नास्तिकों के एक निजी सम्मेलन को विश्व हिंदू परिसद् (विएचपी) और दूसरे धार्मिक समूहों के विरोध का सामना करना पड़ा। यह सम्मेलन शुक्रवार 14 अक्टूबर को स्वामी बालेंदु द्वारा आयोजित किया जाना था। आयोजकों के अनुसार सम्मेलन में 18 राज्यों से 500 लोग से अधिक लोग पहुंचे थे जिनका विएचपी और स्थानीय धर्माचार्यों ने हिंसक विरोध किया और आयोजन स्थल पर पथराव कर दिया। लोग हाथों में तख्तियां और झंडा लेकर निकले और सम्मेलन में शामिल होने आए लोगों को खदेड़ा और वाहनों पर हमला करने की कोशिश की।
सम्मेलन रद्द होने के बाद आयोजक, स्वामी बालेंदु ने मीडिया से कहा कि वे सम्मेलन रद्द हो जाने से निराश जरूर हैं पर इसे वो अपनी कामयाबी के तौर पर देखते हैं।
दूसरी तरफ विरोध कर रहे धर्म रक्षा संघ के प्रमुख सौरभ गौड़ ने कहा कि वृंदावन में ऐसा कोई कार्यक्रम होने नहीं दिया जाएगा। वृंदावन धार्मिक नगरी है। भगवान कृष्ण की लीला भूमि है। यह करोड़ों लोगों के आस्था का केंद्र है।
मथुरा के सिटी मजिस्ट्रेट राम अरज यादव ने बताया कि इस सम्मेलन की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। अत: इसे आयोजित होने से रोक दिया गया।
कार्यक्रम में शिरकत करने गए डीयू के प्रोफेसर आशुतोष कुमार ने बताया कि कार्यक्रम 14 अक्तूबर को होना था और इसकी अनुमति ली गई थी। लेकिन 13 की शाम में प्रशासन ने कहा कि हम यह कार्यक्रम नहीं कर सकते।