लोकसभा चुनाव को एक अच्छा बहाना विभाग के अधिकारियन खा मिल गओ हे। जीसे कोनऊ भी काम करें खा मन नई करत हे। अचार संहिता को बहाना कर विभाग के अधिकारी हाथ में हाथ धरे बेठे हे। जीसे आदमियन खा बोहतई भारी परत हे।
महोबा जिला में ई समय बोहोत ही बिजली विभाग की लापरवाही नजर आउत हे। गांवन में लगे दसन साल के बिजली के तार नई बदले हे। जीसे आये दिन घटना होत हे। ब्लाक जैतपुर के मुढ़ारी गांव में 24 मार्च 2014 खा बिजली को तार टूटे से नौ भैंसन की मौत हो गई हे। 29 अप्रैल 2014 खा महुआ बांध गांव में तार टूटे से एक लड़का की मोत हो गई हती। अभे कबरई ब्लाक के सिचैंरा गांव में ओर पनवाड़ी ब्लाक के
लिधौरा गांव के तार जर-जर परे हे कभऊं भी एक बड़ी घटना हो सकत हे।
आखिर बिजली विभाग वाले इत्ती लापरवाही काय करत हंे। का तार खम्भा लगवा के बिल भराये भर की जिम्मेदारी होत हे। ऊखी देख रेख की जिम्मेदारी किखी हें। घटना होय के बाद सरकार मुआवजा देय की बात कहत हे। का मुआवजा मिले से आदमी की जाने वापस आ सकत हे। सरकारी कर्मचारियन के एते सब कछू रिकार्ड ओर पता रहत हे, फिर भी अधिकारी जवाब देय में अंजान काय बन जात हे।
एसी समस्या दूर करे खा सरकार कोनऊ ठोस कदम काय नई उठाउत हे। अगर कोनऊ चीज की अधिकारी खा जानकारी हो जात हे तो अधिकारी काय टार देत हे। का घटना होय के बाद अधिकारियन के पास काम कराये खा बजट आउत हे। अगर अधिकारी घटना होय से पहले ही कोनऊ काम करा देय तो शायद कारवाही की कोनऊ ऐसी स्थिति न आहे। अगर एसई स्थिति रही तो आदमियन के नुकसान ओर मोत को जिम्मेदार कोन हे।
विभाग की लापरवाही के कारन होत मोत
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