महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके के किसानों ने केंद्र सरकार से सूखे से निपटने के लिए बजट की मांग की है। यहां किसान जनानंदोलन समिति का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों को संकट से निकालने में असफल साबित हो रही है। साल 2008 से लेकर अब तक चार बार यहां सूखा पड़ चुका है। चालीस हज़ार किसान आत्महत्या कर चुके हैं। राज्य सरकार की तरफ से इस बार यहां के साठ प्रतिशत गांव सदी के सबसे ज्यादा सूखा सहन करने वाले गांव के रूप में घोषित कर दिए हैं। यहां के नब्बे लाख किसान सूखे की चपेट में हैं। राज्य सरकार की तरफ से दो हज़ार करोड़ का बजट जारी किया गया है। जबकि चार हजार आठ सौ करोड़ रुपए की सहायता केंद्र से मांगी गई थी। लेकिन केंद्र इस मदद के लिए तैयार नहीं है।
विदर्भ के किसान केंद्र से नाराज़
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