टेलीफ़ोन और बैंक खातों से आधार को जोड़ने का निर्णय आम जनता के लिए समस्या बनता जा रहा है। सरकार ने सभी खातों और फ़ोन नंबर को आधार से जोड़ने के लिए 31 दिसंबर तक का समय निर्धारित किया है।
वरिष्ठ नागरिक रजिया मलिक भी इसी समस्या से जूझ रही हैं। उन्होंने 2012 में रीढ़ की हड्डी की सर्जरी करवायी थी, जिसके बाद उनका चलना–फिरना बंद हो गया है और वह व्हीलचेयर की मोहताज़ हो गई हैं।
पिछले दिनों जब टेलीफोन कम्पनी ने उन्हें आधार कार्ड को अपने नंबर से जोड़ने के लिए नम्बर बंद होने के चेतावनी भरे मैसेज भेजना शुरू किये तब वह परेशान हो गई और अपने खातों आदि को आधार से जोड़ने के लिए आधार कार्ड सेंटर तलाशने लगी लेकिन उनकी शारीरिक कमजोरी और सरकारी ढील ने उन्हें परेशान कर दिया।
कौसरबाग़ से नजदीक और कोंढवा में स्थित एकमात्र सेंटर भी उनकी मदद नहीं कर पा रहा। यह सेंटर कई महीनों से काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे हालातों में मलिक और हताश हो गई हैं।मालिक के बेटे तौसिफ बताते हैं कि माँ की तकलीफ को देखते हुए उन्होंने सोशल मीडिया ने भी मदद मांगी और वहां #विकलांगोंकेलिएआधार टैग से मुहीम भी चलाई लेकिन उन्हें इससे भी अभी तक कोई लाभ नहीं हुआ है।
विकलांगों के लिए आधार कार्ड सेंटर की कमी
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