बनारस जिले के ब्लाक चिरईगांव के नरपतपुर में विवाहिता के ससुराल वालों ने एक मिशाल पेश की। ससुराल वालों ने अपनी बहू की उसके प्रेमी के साथ 18 अप्रैल को दूसरी शादी कराई। अंजू का आरोप है कि 3 जुलाई 2016 को शादी के समय मंडप में पति को देखते ही शादी से मना कर दिया था। लेकिन परिजनों के दबाव के आगे उसे विवाह करना पड़ा। पति सहित ससुराल के लोगों ने अंजू को समझाया। लेकिन अंजू किसी की बात सुनने को तैयार ही नहीं हुई। आख़िरकार अंजू के ससुराल वालों को उसकी जिद के आगे झुकना ही पड़ा।
अंजू राजभर का कहना है कि 2016 में पहली शादी हुई थी, तो मैंने मंडप में ही मना कर दिया था कि मैं ये शादी नहीं करना चाहती। क्योंकि मुझे लड़का पसंद नहीं था। मैंने मम्मी पापा से बोला था कि अभी हमें उसके साथ न भेजें। लेकिन मम्मी पापा ने जबरजस्ती भेज दिए थे। दुबारा मना किये तो फिर भेज दिए। पहले वाले पति ने हमसे बार-बार पूछा भी था, कि कोई वजह है क्या तो हमने मना कर दिया और सीधे बता दिए की हम आपके साथ नहीं रहना चाहते हैं।
अंजू कि पहली सास आरती राजभर ने बताया कि मैं इसको इतना समझाई, जितना की इसकी खुद की माँ ने नहीं समझाया होगा। लेकिन ये नहीं मानी बस वही प्रेमी की रट लगाये थी।
पहला पति दिनेश राजभर का कहना है कि मैं बोला कि मैं तुम्हारें घर वालों को शिकायत का मौका नहीं दूंगा। तुम्हें किसी चीज की दिक्कत नहीं होने दूंगा। बल्कि कोई परेशानी नहीं थी। उसका कहना था की मैं आपके साथ नहीं रहना चाहती हूं। मैंने कहा कि ठीक है, तो फिर मैंने अपनी मर्जी से उसकी शादी उसके प्रेमी के साथ करवा दी। अगर वो चाहती तो शादी के समय दो मिनट में सब कुछ ठीक कर सकती थी। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। शायद वो सोच रही थी कि इतना हो इसलिए उसने ऐसा कुछ नहीं किया।
रिपोर्टर: अनामिका
Published on Apr 26, 2018