वाराणसी जिले के ब्लाक चिरई गांव बरईपुर राजभर बस्ती में ढ़ाई सौ की आबादी में मात्र एक हैंडपंप लगा है। इस इकलौते हैंडपंप का पानी भी दूषित निकलता है। एक बाल्टी पानी में आधी मिटटी रहती है। ये दूषित पानी मोहल्ले वालों को बीमार भी कर रहा है। इस तरह की भीषण गर्मी में क्या एक हैंडपंप बस्ती के लोगों की प्यास बुझा पायेगा।
ग्रामीण ने बताया कि पानी की समस्या बहुत ज्यादा है। 100 दूर से पानी लाना पड़ता है। आठ दस घरों को छोड़कर किसी के यहाँ पानी की सप्लाई नहीं होती है। ऊषा देवी का कहना है कि पानी की समस्या तो सबको है। हैंडपंप बिगड़ने पर चंदा देना पड़ता है कोई देता है कोई देता भी नहीं है। अगर पंडितों के यहाँ पानी भरने जाओं, तो पंडित झट से कहते हैं कि ये हैंडपंप तुम्हारे बाप का नहीं है, जो मुंह उठाके चले आते हो पानी भरने। मालती ने बताया कि एक बाल्टी पानी में आधी मिटटी रहती है, लोग बीमार भी हो जाते हैं। सप्लाई का पानी चालू हो जाये तो हम और हमारे पापा समय से काम पर और हम समय पर स्कूल जा सकते हैं। फिर कोई दिक्कत ही नहीं होगी। मुन्नी देवी का कहना है कि हमको पानी नहीं मिलता है लिस्ट में सबके नाम है, लेकिन वो पास ही नहीं करते हैं।
सभासद सुरेन्द्र राजभर ने बताया कि पेयजल के तहत जो पाइपलाइन लगी हुई है, उसका सर्वे किया जा रहा है। जो बजट आने की वजह से अभी तक नहीं हो पाया। वो अब जल्दी हो शुरू हो जाएगा। कम से कम 25 घरों को कनेक्शन मिलना बाकी है।
रिपोर्टर: अनामिका
Published on Jun 1, 2018