वाराणसी के महिला अस्पताल में लगभग 200 महिला चिकित्सा सेवा प्राप्त कर सकती हैं। वाराणसी के राजकीय महिला अस्पताल में 180 बेड हैं। यहां बच्चों का इलाज, महिलाओं की डिलीवरी और संबंधित ऑपरेशन होते है। इलाज के लिए महिला स्पेशलिस्ट डॉक्टर 10 हैं। मगर प्रशासन के अनुसार बढ़ती जनसंख्या के अनुरूप ये काफी नहीं हैं इसलिए महिला अस्पताल का विस्तार करने की सोची गई।
2012 में अस्पताल को 20 करोड़ रुपए दिए गए ताकि 100 बेड और खरीदे जा सकें। आज 2016 में चार साल बाद भी ये काम पूरा नहीं हुआ है।
वाराणसी का करबीचैरा स्थित जि़ला महिला अस्पताल पूरे शहर के लोगों के लिए एक सहारा है। अलग-अलग तरह के डाॅक्टरों और नर्सों से सजे इस अस्पताल में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। लेकिन वहां पर महिलाओं के लिए बेड कम होने से लोगों को बहुत दिक्कत हो रही है। डिलीवरी कराने आई पुष्पा बताती हैं, ‘‘यहां पर जगह कम होने से बहुत परशानी है। जल्दी एडमिट नहीं करते हैं, इधर उधर भटकना पड़ता है।’’
अपने बेटे के साथ अस्पताल के बाहर बैठी सुनीता बेड के लिए भाग दौड़ कर रही हैं। सीमा जो इलाज के लिए आई हैं उनकी शिकायत है कि अस्पताल ने कड़कती सर्दी से बचने के लिए इंतज़ार करते लोगों के लिए हीटर, कम्बल जैसे इंतज़ाम नहीं किए हैं। अस्पताल के डॉक्टर कहते हैं कि काम चल रहा है। वाराणसी के महिला अस्पताल में तीन साल बाद पूरे बेड भी नहीं। ये हालत है एक आदर्श स्वास्थ्य जि़ले की।
वाराणसी के आदर्श स्वास्थ्य जिले में महिलाओं के अस्पताल का हाल बेहाल
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