सड़क बनवावै के मामला मा पी.डब्लू.डी. विभाग एकै बात बोलत हवै कि सड़क बनैं का बजट भेज दीन गा हवै, बजट आवैं के बाद बनी। सवाल या उठत हवै कि अगर कउनौ नेता मंत्री आवत हवैं, तौ आपन करतूत देखावैं का बजट रातौ रात कहां से आवत हवै। चित्रकूट जिला मा जबै कउनौ नेता मंत्री आये हवै, तबै पी.डब्लू.डी विभाग आपन करतूत देखाइस हवै। जइसे कि तीन बरस पहिले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती आई रहैं, तौ पी.डब्लू.डी विभाग कर्वी शहर के धतुरहा चैराहा से शंकर बाजार तक सड़क मा बालू अउर गिट्टी डाल के रात मा बनवा दिहिस रहै। काहे से मायावती का लोढ़वारा के कांशीराम कालोनी का देखै जाय का रहै। यहिनतान 19 जून 2013 का मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव का पढ़ै वाले लड़का बिटियन का खोह गांव के पुलिस लाइन मा लैपटाप बाटें का रहै। यहै कारन विभाग वाले पेट्रोल पम्प से बैरियल तक एक किलोमीटर सड़क का रोगन चोगन करवाइस रहै। यहिनतान कैविनेट मंत्री शिवपाल के आवैं मा शिवरामपुर के सड़क बनवाइस। सरकार के नियम मा हवै कि सड़क बनै के बाद पांच बरस तक सड़क का सही सलामत चलै का चाही। अगर यहै नियम के हिसाब से सड़क देखी जाय तौ कर्वी से मऊ जाय वाली सड़क 2012 मा बनी रहै। वा सड़क छह महीना के भीतर उधड़ गे। इनतान मा साफ पता चलत हवै विभाग वाले मानक के हिसाब से सड़क नहीं बनवावत हवैं।
वादा मा लटकी सड़कै
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