जिला महोबा, ब्लाॅक कबरई, गांव गहरा। इस गांव में 50 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन है जो बिना बोए पड़ी है। किसान भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। जो ट्यूबवेल है उसमें भी पानी से सिंचाई करने पर रोक लगा दी है। किसान एक-एक दाने के लिए तरस रहा है।
गांव के देशराज किशोरीलाल पप्पू रामजी ने बताया कि हम लोग तीन साल से किसानी में परेशान हैं। पिछले साल सूखा पड़ा था उसका फायदा आज तक नहीं मिला। सुखराम और बाबादीन ने बताया कि गांव के पचास प्रतिशत लोग पलायन कर गए हैं। गांव में आज तक लेखपाल सर्वे के लिए नहीं आया।
एसडीएम एस. के. सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ‘लेखपाल के पास सब किसानों की खसरा खतौनी रहती है। गांव के कुछेक किसानों से बातचीत के आधार पर लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट बना दी है। जबकि उसे हर किसान से उसकी खेती का हाल जानना चाहिए था। हालांकि इस तरह से रिपोर्ट नहीं भेजी जानी चाहिए। पर मैं क्या कर सकता हूं! मैं तो यहां नया हूं। मैं अपनी तरफ से कोशिश करुंगा कि किसानों को ज़्यादा से ज़्यादा फायदा मिले।’