ओड़िशा में मृत पत्नी को एंबुलेंस ना दिए जाने के बाद अपने कंधे पर ही दस किलोमीटर तक ले जाने वाले दाना मांझी के मामले ने हॉस्पिटल में मिलने वाली सुविधाओं की पोल खोल दी थी।
अब ऐसा ही एक और मामला कानपुर में सामने आया है, जहां लड़के की अस्पताल में भर्ती ना किए जाने पर मौत हो गई। बीमार लड़के का पिता अपने बेटे को कंधे पर रखकर इधर से उधर चक्कर लगाता रहा और कंधे पर ही बेटे ने दम तोड़ दिया।
सूत्रों के अनुसार यह घटना 29 अगस्त की है, जहां एक पिता का आरोप है कि उनके बीमार बेटे को कानपुर के सबसे बड़े लाला लाजपत राय अस्पताल में इलाज नहीं मिला। उनके मुताबिक हॉस्पिटल की और बीमार लड़के को मेडिकल सेंटर ले जाने को कह दिया गया, लेकिन एक वॉर्ड से दूसरे वॉर्ड में जाने के लिए स्ट्रेचर की सुविधा नहीं दी गई। बीमार बेटे के पिता सुनील ने कहा कि उन्होंने अस्पताल से स्ट्रेचर की मांग की मगर उन्हें नहीं दिया गया। इसके बाद मजबूर पिता ने अपने बेटे को कंधे पर ही रखकर 250 मीटर दूर स्थित बच्चों के अस्पताल ले जाने की कोशिश की, मगर बेटे ने पिता के कंधों पर ही दम तोड़ दिया।
परिवार का कहना है कि 12 साल के अंश को तेज बुखार था। अंश को लेकर पहले स्थानीय अस्पताल गए मगर बुखार तेज होने के कारण उसे शहर से सबसे बड़े अस्पताल ले जाया गया। पिता ने बताया, “मैंने डॉक्टर्स से अपने बेटे को एडमिट करने की भीख मांगी, पहले आधे घंटे तक मेरी किसी ने नहीं सुनी, फिर मुझे यह कह दिया कि अंश को बच्चों के अस्पताल ले जाऊं।” उन्होंने स्ट्रेचर भी मांगा मगर नहीं दिया गया। सुनील कंधे पर ही अपने बेटे को रखकर अस्पताल के लिए दौड़े, मगर जब तक पहुंचते अंश की मौत हो चुकी थी।